मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर अपनी एक अलग सोच प्रस्तुत की है। 30 जुलाई 2025 को प्रकाशित एक ब्लॉग पोस्ट में जुकरबर्ग ने “पर्सनल सुपरइंटेलिजेंस” का विज़न साझा किया। उनका मानना है कि AI का इस्तेमाल लोगों की नौकरियों को छीनने के बजाय उन्हें उनके व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने में मदद देने के लिए होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेटा का उद्देश्य ऐसे AI टूल्स बनाना है जो शिक्षा, रचनात्मकता, स्वास्थ्य और उत्पादकता में लोगों को सपोर्ट करें। उनका नजरिया अन्य टेक कंपनियों से अलग है जो AI को केंद्रीय रूप से काम ऑटोमेट करने के लिए देखती हैं।
मेटा इस दिशा में अरबों डॉलर निवेश कर रही है। इसकी सुपरइंटेलिजेंस लैब्स और नई टीम का फोकस ऐसा AI विकसित करने पर है जो लोगों की रोजमर्रा की ज़िंदगी को बेहतर बनाए।
जुकरबर्ग ने स्पष्ट किया कि मेटा की मंशा नौकरियां खत्म करने की नहीं, बल्कि इंसानों की क्षमता बढ़ाने की है। ऐसे समय में जब AI के कारण रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है, जुकरबर्ग की यह सोच AI के नैतिक उपयोग पर वैश्विक चर्चा को दिशा दे सकती है।